चर्चा में जमशेदपुर की भितरदाड़ी पहाड़ी, यहां छिपा है 3.5 लाख टन सोने का भंडार


उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोने की खान मिलने की चर्चा के बाद जमशेदपुर जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर केरूवाडुंगरी पंचायत का भितरदाड़ी गांव भी फिर से चर्चा में आ गया है. यहां जियोलाॅजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट (जीएसआइ) में 3.5 लाख टन सोने के भंडार का अनुमान है. जिले में इससे पूर्व कुंदरूकोचा समेत अन्य स्थानों पर सोने का भंडार मिल चुका है.

 

'प्रभात खबर' की टीम ने भितरदाड़ी और हांकेगोड़ा गांव के बीच स्थित उस स्थान (पहाड़ी) का जायजा लिया. ग्रामीणों से बात कर सोने के भंडार की पड़ताल की. ग्रामीणों ने बताया, जीएसआइ ने वर्ष 2014 से 2018 के बीच उस पहाड़ी का सर्वे किया था. जीएसआइ (GSI) की टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर बताया था कि पहाड़ी में सोने के भंडार मिलने की सूचना है. सर्वे के दौरान जीएसआइ की टीम ने उन जगहों पर ड्रिल भी किया था. सर्वे पूरा होने के बाद जीएसआइ की टीम ने ग्रामीणों को यहां प्रचुर मात्रा में सोना मिलने की जानकारी दी थी. 

 

2014 से 2018 के बीच जीएसआइ ने किया था सर्वे, अंग्रेजों के समय भी हुई थी खुदाई खान से निकलता था सोना: ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर सोने के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है, उस स्थान का पूर्व से ग्रामीण समानोम डुंगरी (सोना डुंगरी)  नाम है. अंग्रेजों के समय भी वहां खुदाई हुई थी और सोने का भंडार मिला था. उस समय अंग्रेज अधिकारी कुइलो साहब के नेतृत्व में खुदाई का काम हुआ था और गांव के कई लोगों ने अंग्रेज अधिकारी के साथ काम किया था.

 

टीम ने उच्च क्वालिटी का सोना होने की बात कही

ग्रामीणों के मुताबिक, जीएसआइ की टीम ने भितरदाड़ी सोना डुंगरी में उच्च क्वालिटी के सोने का भंडार होने की बात कही थी. जीएसआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, भितरदाड़ी में 3.5 लाख टन सोने का भंडार है. यह सोना 200 मीटर की गहराई में है.

 

सर्वे के बाद जीएसआइ ने दी थी सोना होने की जानकारी : चमरू हांसदा

ग्राम वन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के केंद्रीय महासचिव और भितरदाड़ी के रहने वाले चमरू हांसदा ने बताया कि जीएसआइ द्वारा 2014 से 18 के बीच सर्वे-ड्रिलिंग की गयी थी और वहां सोना मिलने की जानकारी दी थी. ब्रिटिश जमाने में भी वहां सोने का भंडार मिला था अौर खुदाई हुई थी, उस समय ब्रिटिश अफसर कुइलो साहब के नेतृत्व में खुदाई हुई थी और उनके पिता दशमत चंद्र हांसदा ने अंग्रेज अफसर के मुंशी का काम किये थे. उस समय हुई खुदाई के कई गुफा अभी भी हैं. सोना मिलना गांव के लिए खुशी की बात है अौर इससे गांव का विकास होगा.

 

इस क्षेत्र का विकास हो और रोजगार मिले : कान्हू राम मुर्मू

केरूवाडुंगरी पंचायत के पूर्व मुखिया कान्हू राम मुर्मू के अनुसार 2014 से जीएसआइ की टीम ने सर्वे किया था. किस चीज का सर्वे हो रहा है, इसकी ग्रामीणों को जानकारी नहीं थी, जिसके बाद पूछताछ करने पर ग्रामीणों के साथ बैठक कर बताया गया कि वहां सोना मिलने की संभावना है, जिसके लिए सर्वे किया जा रहा है. सोना मिलना गांव और क्षेत्र के लिए खुशी की बात है और सरकार गांव के विकास, स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दे तथा पर्यावरण की सुरक्षा हो इस बात का ध्यान रखा जाये.

 


  • सर्वे के दौरान जीएसआइ की टीम ने किया था ड्रिल, ग्रामीणों को सोना मिलने की दी थी जानकारी

  • जीएसआइ ने सर्वे के बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी, आगे की चल रही है प्रक्रिया

  • उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोना मिलने की खबर के बाद यहां के ग्रामीणों को जगी खुदाई की आस


 

2014 से 2018 तक हुआ था सर्वे : फूदेन

भितरदाड़ी के फूदेन मार्डी ने कहा कि 2014 से 18 के बीच जीएसआइ द्वारा गांव की पहाड़ी पर सर्वे-ड्रिल किया गया था. टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर वहां सोने के भंडार होने की संभावना अौर उसके लिए सर्वे होने की बात कही थी, वहां सोना पाया गया या नहीं, कितना सोना है अौर किस क्वालिटी का है, इसकी जानकारी नहीं दी गयी थी.

 

सर्वे की टीम में शामिल था: अर्जुन मार्डी

भितरदाड़ी के अर्जुन मार्डी ने कहा कि सर्वे के दौरान उन्होंने साहब के साथ हेल्पर का काम किया था. सर्वे में निशान लगाने समेत अन्य मापी का काम किये थे, ड्रिल के दौरान वह वहां नहीं थे.

 

जमशेदपुर ब्लॉक के भितरदाड़ी में सोना का बड़ा  डिपोजिट होने का पता चला है. नागपुर भूतत्व निदेशालय से इस बाबत रिपोर्ट आने के बाद आगे की की प्रक्रिया शुरू होगी. 

अरुण कुमार शर्मा, तकनीकी  निदेशक, जियोलॉजिकल 

सर्वे अॉफ इंडिया, झारखंड

 

35 घरों का गांव 150 की आबादी 

जमशेदपुर. जमशेदपुर प्रखंड और केरूवाडुंगरी पंचायत के अंतर्गत आने वाले भितरदाड़ी गांव में लगभग पैंतीस घर हैं और लगभग 150 लोगों की आबादी है. केरूवाडुंगरी पंचायत में नौ राजस्व ग्राम हैं, जिसमें भितरदाड़ी, बाहर दाड़ी, चांगिरा, हांकेगोड़ा, भूरीडीह, तुरामडीह, तालसा , केरूवाडुंगरी एवं बांदुहुडांग हैं. क्षेत्रफल के हिसाब से जमशेदपुर के 55 पंचायत में से सबसे बड़ा केरूवाडुंगरी है पंचायत है. पंचायत पहाड़ों की शृंखला से घिरा है अौर पहाड़ी पंचायत के रूप में भी जाना जाता है. यहां यूरेनियम का भी भंडार है.

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