मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस के 'संकटमोचक' डी.के. शिवकुमार और दिग्विजय सिंह सरकार बचाने के लिए सामने आए हैं। दोनों ही नेताओं ने बेंगलुरु में बागी विधायकों को वापस लाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। दिग्विजय सिंह सुबह बेंगलुरु के होटल में मौजूद बागी विधायकों से मुलाकात करने पहुंचे। दिग्विजय को होटल के भीतर दाखिल नहीं होने दिया गया, जिसके बाद वह बाहर ही धरने पर बैठ गए। तब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। अब दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु के अमरुताहल्ली पुलिस स्टेशन से बाहर ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझे कहां ले जाया जा रहा है। मुझे मेरे विधायकों से मिलने देना चाहिए। मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। सरकार भी बचाएंगे और अपने विधायकों को भी वापस लाएंगे।
कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने कहा कि दिग्विजय सिंह हमारी पार्टी के विधायकों से मिलने आए हैं। विधायकों में से एक ने टेलीफोन के माध्यम से उनसे संपर्क किया था और उनसे उन्हें मुक्त करने का अनुरोध किया था। उनके पास उन्हें ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है, वे उच्च अधिकारियों से अनुरोध करना चाहते हैं क्योंकि ये लोग सीएम के निर्देशों पर काम कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बीजेपी की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। ऐसे में खबर है कि मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार को बर्खास्त कराना पसंद करेंगे।
हालांकि, पार्टी के अंदर एक तबका अदालत के रुख के बाद इस्तीफा देने की वकालत कर रहा है, क्योंकि किसी भी सूरत में बहुमत साबित करना आसान नहीं होगा। उधर, मध्य प्रदेश में भाजपा के नए नेता को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान फिर कमान संभाल सकते हैं, लेकिन बदलाव पर भी विचार हो सकता है जिसमें सिंधिया की राय अहम होगी।
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