यस बैंक की बैलेंस शीट में 54,000 करोड़ की गड़बड़ी


नई दिल्ली। यस बैंक डूबने की कगार पर है। यस बैंक के फाउंडर और पूर्व प्रबंध निदेशक राणा कपूर को रविवार को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। बैंक के कामकाज में कई गड़बड़ियों की बात सामने आ रही है। सबसे ज्यादा सवाल राणा कपूर की निजी जिंदगी और बिजनेस करने के स्टाइल पर हैं। कहा जा रहा है कि क्या राणा के लाइफस्टाइल की वजह से बैंक की बैलेंसशीट में बड़ी गड़बड़िया हैं।


यस बैंक की बैलेंसशीट में 54,000 करोड़ की गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। मिंट, एचटी ने राणा कपूर के बारे में जो रिपोर्ट की है। उसके मुताबिक, राणा एक दिखावे वाली जिंदगी जीने और पब्लिसिटी के भूखे इंसान हैं। राणा कपूर लगातार महंगी पार्टियां करते थें। वहीं वो कहते थे कि किसी को भी 'ना' नहीं कहना है। यस बैंक ने उन कंपनियों को भी लोन दिए जिनको कई बैंकों ने पैसा देने से इनकार कर दिया।


प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक, यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है और बैंक डूबने की कगार पर है। बीते हफ्ते आरबीआई ने बड़ा कदम उठाते हुए बैंक खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी है और बैंक का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।


यस बैंक की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं और राणा कपूर पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहै हैं। 2004 में शुरू हुए यस बैंक का वित्त वर्ष 2017 से 2019 के बीच कर्ज 1,32,000 करोड़ बढ़ा था। बैंक का कर्ज 2017 से 2019 के बीच 1,32,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,41,000 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान जो कर्ज बांटे गए, उनमें कई नियमों को ताक पर रखे जाने की बात भी सामने आई है। बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को लोन दिए। इन समूहों के डिफॉल्टर साबित होने से बैंक को करारा झटका लगा।



ईडी के अलावा सीबीआई ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। यस बैंक के फाउंडर, पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राणा कपूर पर कारोबारी घरानों को लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय करने का आरोप है।


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