सुप्रीम कोर्ट ने दी आईएनएस विराट को तोड़ने की मंजूरी, कहा- याचिकाकर्ता ने आने में कर दी देर

युद्धपोत आईएनएस विराट को तोड़ने का काम अब फिर से शुरू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अब इसे तोड़ने की मंजूरी देदी है। बता दें कि आईएनएस विराट को संग्रालय के रूप में बनाए जाने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिका देर से दायर की गई। इसलिए अब आईएनएस विराट को तोड़ना जारी रहेगा।


आज अदालत ने कहा, "याचिकाकर्ता सर्वोच्च न्यायालय में देर से आए। 40 प्रतिशत जहाज पहले ही तोड़ा जा चुका है। हम उसके तोड़े जाने में हस्तक्षेप नहीं करेंगे"। वहीं याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि भले ही जहाज का 40 फीसदी हिस्सा नष्ट हो गया हो, लेकिन इसकी मरम्मत की जा सकती है और इसे संग्रहालय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और अगर तोड़ा गया तो यह एक "राष्ट्रीय नुकसान होगा"।

हालांकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा: "किसी ने जहाज के लिए भुगतान कर दिया था। जहां तक राष्ट्रवाद की बात है हम आपके साथ हैं लेकिन आपको बहुत देर हो चुकी है"।

इससे पहले की सुनावई में सुप्रीम कोर्ट ने युद्धपोत को तोड़ने पर रोक लगा दी थी। विमान वाहक पोत विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। साल 20217 में आईएनएस विराट को सेना से रिटायर कर दिया गया था। जिसके बाद इसके बाद श्रीराम ग्रुप की शिप ब्रेकर कम्पनी ने इसी साल नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में विराट को खरीद लिया था।

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