जनता की बेबसी :गंदा पानी पी रहे लोग, 10 साल में नेता न अफसर ने सुनी समस्या

 गांव की पेयजल समस्या लेकर जिला पंचायत पहुंची महिलाओं ने ज्ञापन देकर विरोध किया। सरकार से कहा हम लोग सालों से गंदा पानी पीते आ रहे है। जनप्रतिनिधि और न ही कोई अफसर इस ओर ध्यान दे रहा है। लोग जानवरों की तरह गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो हम विरोध स्वरूप सामूहिक हड़ताल करेंगे।

मामला, खंडवा जनपद की ग्राम पंचायत पंजारिया के गांव डिग्रीस का है। जलसंकट से गांव को निजात दिलाने के लिए 70 से अधिक महिलाओं ने जिला पंचायत सीईओ नंदा भलावे को ज्ञापन दिया। गांव की पूजा पचोले ने बताया गांव में 10 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन पानी की समस्या का हल नहीं हो पाई। ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर, जनपद तक समस्या बताई। आज हम गांव की महिलाएं एकत्र हुईं और जिला पंचायत के बाहर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मांग रखी है। समस्या का निराकरण नही होता है तो आगे से धरना देंगे, भूख हड़ताल करेंगे। क्योंकि, गांव में पीने का पानी इतना मटमैला और गंदा है कि इस पानी को जानवर भी नहीं पीते है। समस्या गंभीर है, इसके बाद भी पंचायत व पीएचई विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। आश्वासन मिलने के बाद महिलाओं की भीड़ ने जिला पंचायत भवन को खाली किया।

सरकार में आने से पहले मोदी ने किया था वादा

बता दें कि, केंद्र में सरकार बनने से पहले 2014 में मोदी ने चुनावी वादा किया था हर घर नल से पानी पहुंचेगा। महिलाओं को कुओं और बावड़ियों से निजात मिल सकेगी। इधर, मप्र सरकार जल जीवन मिशन चला रही है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 1-1 करोड़ की लागत से पानी की टंकी का निर्माण और पाइपलाइन बिछाई जा रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे गांवों को प्राथमिकता दी जाए, जहां ज्यादा समस्या है।

जिला पंचायत पहुंचकर महिलाओं ने दिया ज्ञापन।

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