डॉक्टर्स डे पर कोरोना योद्धाओं का सम्मान

 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया - Dainik Bhaskar

सीएम ने कहा कि कोरोना काल में कई डॉक्टर महीनों घर नहीं गए। बच्चों से नहीं मिले। मरीज की सेवा करते हुए जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर लोगों का जीवन बचाया। उन्हें मैं प्रणाम करता हूं। कई डॉक्टर कम उम्र में चले गए। हमने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन हम उन्हें बचा नहीं पाए। उनके बलिदान को हम कभी नहीं भुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीई किट पहनना तपस्या से कम नहीं है। उन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि हम आपको श्रद्धा, आभार और ध्यान ही दे सकते है।

लोगों से अपील करना चाहता हूं कि संकट अभी गया नहीं है। 70 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर रहे है। कल 38 पॉजिटिव आए। आज 40 पॉजिटिव आए है। मैं डरा नहीं रहा हूं। हकीकत बता रहा हूं। हम लापरवाह हुए तो नंबर फिर बढ़ेगा। नंबर बढ़ेगा तो संक्रमण की दर बढ़ेगी। संक्रमण की दर बढ़ी तो खतरा बढ़ेगा। फिर ऐसी नौबत ना आए कि हमको फिर लॉकडाउन करना न पड़े।

सीएम ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। निजी का सहयोग मिल ही रहा है। आयुष्मान योजना का लाभ सभी को मिल सके। यह काेशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबकुछ छोड़ सकता हूं, लेकिन कोरोना की समीक्षा नहीं छोड़ता हूं।

सीएम ने कहा कि लोगों से मेरी प्रार्थना है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। मॉस्क जरूर पहने। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें। ग्राहक, दुकानदार, टूरिस्ट हो कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करें। सीएम ने कहा कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में आज तीसरी लहर की तैयारी की समीझा करेंगे। 3 तारीख को को इंदौर जाऊंगा। हमारी पूरी टीम प्रतिबद्ध है कि जनता के सहयोग से तीसरी लहर की तैयारी कर यह प्रयास करें कि प्रदेश में संक्रमण न फैले।

नेमावर की घटना अत्यंत दुर्भायपूर्ण

सीएम ने कहा कि नेमावर की घटना अत्यंत दुर्भागयपूर्ण है। सभी आरोपी को पकड़ लिया गया है। फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकदमा चलेगा। उनको किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। जल्द से जल्द ऐसे मामलों में अपराधी को सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।

इस अवसर पर डॉ. हरीहर त्रिवेदी ने कहा कि भौतिकता वादी उपयोगिता से डॉक्टर दूर रहे। अहंकार न पाले। हमेशा संवेदनशील रहे। धन और यश तो मिलता है। आपके पास से कोई मरीज ठीक होकर जाता है तो आपको आत्म संतुष्टि मिलती है। मरीज और डाक्टर के बीच विश्वास की भावना को बढ़ाए।

वहीं, डॉ. अपूर्व पौराणिक ने कहा कि मानवियता का पाठ डॉक्टरी की पढ़ाई में नहीं पढ़ाया जाता। जबकि यह आईएएस, इंजीनियर से लेकर तमाम दूसरे के प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ाया जाता है। हमारा निवेदन है कि मानवता का पाठ डॉक्टरी के कोर्स में भी जोड़ा जाए।

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