चंबल में बह गया पांटून पुल:1 किमी तक बह कर चला गया पुल का हिस्सा, स्टीमर से दौड़कर घाट तक लाए; काम कर रहे मजदूरों को भी बचाया

बारिश के कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी का बहाव भी तेज है। इसी बहाव में रविवार सुबह नदी के पिनाहट घाट पर मौजूद पांटून पुल (पीपा का पुल) का एक हिस्सा बह गया। इस हिस्से पर मजदूर काम कर रहे थे। आनन-फानन में स्टीमर की मदद से भाग कर मजदूरों को बचाया जा सका। साथ ही, एक किलोमीटर तक पीछा कर पुल को खींचकर घाट तक लाया गया। बता दें, पिनाहट घाट पर पीपे का अस्थाई पुल बना है। इस पर होकर चंबल के दूसरी तरफ जाया जाता है। इससे हर दिन सैकड़ों लोग निकलते हैं। बारिश के पहले पांटून पुल को बंद कर दिया जाता है। इन दिनों पुल को निकालकर दो भागों में अलग कर दिया गया है। यह पुल उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के अधीन आता है। इन दिनों पुल के एक हिस्से की मरम्मत का काम चल रहा है। राजस्थान में हुई बारिश के कारण नदी में अधिक पानी बह रहा है। चंबल में सुबह 130 मीटर तक पानी था। एक किलोमीटर तक बहा पुल का हिस्सा पानी के तेज बहाव के कारण पांटून पुल का एक हिस्सा बह गया। उस हिस्से पर मजदूर काम कर रहे थे। यह हिस्सा करीब एक किलोमीटर दूरी तक बहा। जैसे ही, पुल का हिस्सा बहा, घाट पर किनारे खड़े लोग चिल्लाने लगे। पुल के उस हिस्से पर मजदूर काम कर रहे थे। वह भी पुल के उस हिस्से के साथ-साथ उस पर खड़े-खड़े बह गए। तुरंत वहां मौजूद लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी स्टीमर की मदद से बचाव के लिए दौड़े। मुश्किल से रस्सों के सहारे उस हिस्से को दूसरे घाट पर पकड़ा। मजदूरों को डूबने से बचाया जा सका। लाखों रुपए आता है खर्च पुल के लिए हर साल ठेका किया जाता है। कारण है, इसके रखरखाव पर लाखों रुपए का खर्च आता है। इस पर पैदल के साथ-साथ लोग हल्के वाहन लेकर भी चले जाते हैं।

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