पानी पर विवाद:अपने हिस्से का नर्मदा का पानी लेने 21 हजार करोड़ के 10 मेगा प्रोजेक्ट लाएगी मप्र सरकार

मध्यप्रदेश सरकार के सामने अगले तीन साल में नर्मदा से अपने हिस्से के जल का हक लेना बड़ी चुनौती रहेगा। सरकार नर्मदा जल समझौते के चलते (वर्ष 2024 तक) नर्मदा से 18.5 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी उपयोग में लेने के लिए 21 हजार करोड़ के दस मेगा प्रोजेक्ट लाने की तैयारी में है। इनमें तीन मेगा प्रोजेक्ट पर काम अगले महीने शुरू होगा, जबकि सात प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। नर्मदा से जुड़े खास प्रोजेक्ट पूरा करने में 26 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा, लेकिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा। केवल तीन साल में काम जरूरी नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण अब दिसंबर 2024 में वापस बैठेगा। इसके बाद चारों राज्यों में वापस जल बंटवारा होगा। मप्र सरकार को नर्मदा से अपने हिस्से का जल उपयोग लेने के लिए वर्ष 2024 तक सभी दस प्रोजेक्ट शुरू करना होंगे। इसके लिए 21 हजार करोड़ का मेगा बजट खर्च होगा। नर्मदा योजनाओं में 4 से 5 हजार करोड़ का बजट लागत बढ़ने और कुछ मिनी प्रोजेक्ट पर भी खर्च किया जाएगा। वर्तमान में कितने पानी का उपयोग नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण ने 1979 में मप्र, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के बीच नर्मदा जल उपयोग का बंटवारा किया था। इसका उपयोग 45 साल में करना है। दिसंबर 2024 तक राज्यों को अपने हिस्से के पानी का उपयोग करना है। मप्र को पानी उपयोग में लेने सभी बड़े नर्मदा प्रोजेक्ट 2024 तक पूरे करने होंगे, जो बड़ी चुनौती है। प्रदेश की कई बड़ी योजनाएं पूरे होने पर आकलन है कि 14.55 एमएएफ पानी का उपयोग हो पाएगा।

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