राजा भोज एयरपोर्ट:इंदौर के मुकाबले हमारे यहां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत, प्राइवेट हुआ तो 4 गुना फ्लाइट, 5 लाख यात्री बढ़ेंगे

राजाभोज एयरपोर्ट का 2024 में निजीकरण किया जाएगा। हालांकि इंदौर के मुकाबले यहां ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर हैं। इसका फायदा यह होगा की यहां कमर्शियल गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी। फ्लाइट की संख्या भी 4 गुना तक बढ़ जाएंगी। इसके अलावा यात्री संख्या में 5 लाख से ज्यादा का इजाफा होगा। भास्कर EXPLAINER 28 जून 2011 को यहां इंटीग्रेटेड बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी 138 करोड़ रुपए से तैयार हुई थी नई इंटीग्रेटेड बिल्डिंग। 13 फ्लाइट अभी संचालित हो रही हैं भोपाल एयरपोर्ट से। 38 फ्लाइट भोपाल एयरपोर्ट से संचालित हो चुकी हैं कोरोना से पहले। 11224 बार फ्लाइट मूवमेंट रहा 2019 में। 5941 बार फ्लाइट मूवमेंट रहा 2018 में। 10.43 लाख यात्री संख्या रही थी 2019 में। यह एक साल में सबसे ज्यादा थी 1177 बार फ्लाइट मूवमेंट रहा दिसंबर-2019 में, यह किसी एक महीने में सबसे ज्यादा 9000 फीट लंबाई है एयरपोर्ट के रनवे की। 26936 वर्गमीटर में बनी हुई है नई बिल्डिंग। 400 एकड़ में फैला हुआ है भोपाल एयरपोर्ट। 25 करोड़ से ज्यादा के निवेश की उम्मीद... एयरपोर्ट पर होटल्स, शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट आदि खुलेंगे। इंटरनेशनल के साथ डोमेस्टिक फ्लाइट्स की संख्या में इजाफा होगा। इन गतिविधियों पर 25 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होने की संभावना है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि एयरपोर्ट का निजीकरण हुआ तो आसपास के क्षेत्र में डेवलपमेंट होगा। जमीनों व हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इंटरनेशनल स्तर का कार्गो सेंटर बनाने, रिपेयरिंग एंड ओवर हॉलिंग सेंटर (एमआरओ) बनाने जैसे काम जल्द पूरे हो सकेंगे। पार्किंग चार्ज में कमी लाकर फ्लाइट्स की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। पैसेंजर यूटिलिटी सर्विसेज को बढ़ावा दिया जाएगा, जैसे पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, डिस्प्ले और अनाउंसमेंट सिस्टम अपडेट होंगे। सिक्योरिटी सीआईएसएफ ही संभालेगी। लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर सभी जवानाें को आधुनिक इक्विपमेंट दिए जा सकते हैं। ‘प्राइवेट’ के चलते होंगे ‘खास’.... इंदौर, वाराणसी, त्रिची, भुवनेश्वर, अमृतसर और रायपुर के एयरपोट का 2022 में निजीकरण होगा। 2024 में भोपाल एयरपोर्ट का निजीकरण होगा। अभी जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, लखनऊ, मेंगलोर और तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट का निजीकरण किया गया है। अथॉरिटी के पास एटीसी और ऑपरेशन बचेगा राजा भोज एयरपोर्ट के डायरेक्टर केएल अग्रवाल का कहना है कि निजीकरण के बाद जमीन अलॉटमेंट से लेकर कई तरह की कमर्शियल गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। निवेश बढ़ेगा पर अभी आकलन करना मुश्किल है। अथॉरिटी के पास एटीसी व ऑपरेशन बचेंगे। कई कंपनियां नहीं आती थीं यहां एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि अभी होटल्स चैन व रेस्टोरेंट शुरू करने वाली प्राइवेट कंपनियां इस वजह से नहीं आती थी कि उन्हें जमीन आवंटन से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने वाली प्रक्रिया पूरी करने में काफी समय लगता है। लेकिन निजीकरण के बाद ऐसे फैसले जल्द हो सकेंगे।

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