MP में अब बांध बने आफत!:मड़ीखेड़ा डैम के 10 गेट खोलने से सिंध नदी ने हदें तोड़ी; दतिया-ग्वालियर रोड के 2 पुल बह गए

मध्य प्रदेश में पार्वती, कूनाे, सिंध समेत कई नदियां उफान पर है। सिंध नदी पर मड़ीखेड़ा डैम लबालब भरने पर सभी 10 गेट खोल दिए गए हैं। सोमवार रात को ही इसके 8 गेट खोल दिए गए थे, इसकी वजह से सुबह शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड और दतिया जिले की हालात बिगड़ गए। कई गांव जलमग्न हो गए। दोपहर को बचे दो गेट और खोल दिए गए। भारी मात्रा में पानी आने से सिंध नदी किनारा तोड़कर बह रही है। नदी में बेतहाशा पानी होने के कारण दतिया के रतनगढ़ माता मंदिर जाने वाला पुल और लांच-पिछोर को जोड़ने वाला पुल टूटकर बह गया। सेंवढ़ा में भी पुल पर पानी ओवरफ्लो होने की स्थिति में पहुंच गया है। डैम के गेट खोले जाने के कारण आसपास के गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। ग्वालियर में हरसी बांध से सोमवार देर रात 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस कारण भितरवार में सिंध और पार्वती नदी उफान पर आ गई है। प्रशासन ने मंगलवार सुबह शिवपुरी की सीमा से लगे खिरिया गांव को खाली करा लिया है। साथ ही 10 से 12 गांव में अलर्ट जारी किया है। दतिया के रतनगढ़ माता जाने के लिए सिंध नदी पर बना पुल तेज पानी के बहाव से बह गया। राजगढ़ के कुंडालिया के 11 में से 2 एवं मोहनपुरा डैम के 17 में से 4 गेट खोल दिए गए हैं। इसी प्रकार गुना के गोपी कृष्ण डैम के 5 में से 2, बैतुल के पारसदोह डैम के 6 में से 1, पन्ना के पवाई डैम के 9 में से 3 गेट खोले गए हैं। एहतियातन डैम व नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है। विदिशा जिले के शमशाबाद में संजय सागर डैम का 2 नंबर गेट खोल दिया गया है। बांध के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश के चलते गेट खोला गया है। निचली बस्तियों और गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। इस वर्ष पहली बार नए गेट खोले गए हैं। पिछले साल गेट खोलने की नौबत नहीं आई थी। मध्य प्रदेश के बड़े डैमों की बात करें तो बाणसागर शहडोल, बरगी जबलपुर, गांधीसागर मंदसौर, इंद्रासागर खंडवा एवं तवा डैम सिवनी के एक भी गेट नहीं खुले हैं। निमाड़ व नर्मदांचल संभाग में कम बारिश के चलते अभी तक नर्मदा में उफान की स्थिति नहीं बनी है। यही कारण है कि इंदिरा सागर व ओंकारेश्वर बांध में जलस्तर सामान्य बना हुआ है। फिलहाल दोनों बांधों के गेट खुलने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। पुनासा एसडीएम चंदरसिंह सोलंकी ने बताया ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर 194.69 मीटर है। इसी तरह इंदिरा सागर डेम का जलस्तर 249.47 मीटर है। जलस्तर सामान्य होने से अभी गेट खुलने की संभावना नहीं है। इंदिरा सागर बांध में आगे से पानी नहीं आया है। बरगी बांध व होशंगाबाद बांध से पानी छोड़ने पर ही इंदिरा सागर में पानी आता है। इंदिरा सागर से पानी ओंकारेश्वर बांध की ओर जाता है। MP में बाढ़, मौसम खराब होने से नहीं उड़े हेलिकॉप्टर:मणिखेड़ा डैम के 8 गेट खोले, पार्वती, कूनो और सिंध नदियां उफान पर; ग्वालियर-चंबल में 1100 से ज्यादा गांव बाढ़ से घिरे, लोग पेड़ पर चढ़े बैतूल और पचमढ़ी क्षेत्र में बारिश से होशंगाबाद के तवा डैम में जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में तवा डैम में 1.2 फीट जलस्तर बढ़ा है। तवा डैम का जलस्तर 1150.80 फीट पहुंच गया है। बता दे तवा डैम की क्षमता 1166 फीट है। 15 अगस्त तक 1160 फीट जलस्तर भरना है। आगामी 13 दिन में बांध में करीब 10 फुट पानी और चाहिए। ऊपरी इलाकों में हो रही बारिश के कारण डैम में पानी आने की रफ्तार कुछ बढ़ी है। मंगलवार सुबह 6 बजे डैम का जलस्तर 1150.70 फीट था। सुबह 10 बजे 1150.80 फीट पहुंच गया। सोमवार को सतपुड़ा डैम सारनी के गेट भी खोल गए। जिससे मंगलवार को तेजी से जलस्तर 2 फीट के करीब बढ़ेगा। 15 अगस्त से पहले 1160 फीट होने पर गेट खोले जाएंगे। नियंत्रित करने गेट खोले जाते है।

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