MP में नौकरी मांगने पर बरसाए लट्‌ठ:भोपाल में आंदोलन से पहले ही बेरोजगारों पर टूट पड़ी पुलिस, कई युवक घायल

सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर लंबे समय से भर्तियां नहीं होने से बुधवार को भोपाल में प्रदर्शन करने आए बेरोजगारों को रोजगार के बदले लाठियां मिली। प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने कई युवाओं को खदेड़ दिया। युवाओं का दावा है कि इसमें 24 से ज्यादा युवक घायल हो गए। आरोप है कि पुलिस ने जबदस्ती एक वैन में बैठाया और भोपाल से करीब 25 किमी दूर छोड़ आई। दोपहर 1.30 बजे तक वे शहर से बाहर ही है। MP के बेरोजगार युवाओं के साझा मंच मूवमेंट अगेंस्ट अनएम्प्लोयमेंट ने 18 अगस्त को प्रदेशभर के युवाओं को भोपाल में एकजुट होने का आह्वान किया था। इसके चलते बुधवार सुबह से ही कई युवा रोशनपुरा चौराहे पर जुटने लगे, लेकिन पुलिस ने यहां पर चारों ओर से बैरिकेडिंग कर रखी थी, इसलिए संगठन ने लोकेशन बदली। इसके बाद वे नीलम पार्क में पहुंचने लगे, लेकिन आगे जाने से रोक दिया और लाठी भी बरसाई। जंगल में छोड़ा, कई साथियों को इलाज की जरूरत संगठन के मनोज रजक ने बताया कि नीलम पार्क पर पुलिस ने पकड़ लिया। संगठन के पदाधिकारी प्रमोद नामदेव, सुमेरसिंह बड़ोले, दिनेश ठाकुर, गोपाल प्रजापति समेत करीब 25 लोगों को पुलिस अपने वाहन में बैठाकर भोपाल से काफी दूर एक जंगल में लाई है। हमें गाड़ी में ही बंद कर रखा है। लाठी लगने से कई साथियों को चोंट आई है। जिन्हें इलाज की जरूरत है। एक महिला साथी भी साथ है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में पिछले कई सालों से कोई भी सरकारी भर्तियां नहीं निकाली गई हैं, जिसके कारण योग्य उम्मीदवार ओवरएज होकर परीक्षा से बाहर हो रहे हैं। यहां तक कि विभागों में तमाम पद खाली पड़े हुए हैं और लगातार सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने से निरंतर पद खाली होते जा रहे हैं। जिसकी वजह से जो कार्यरत शासकीय कर्मचारी हैं उन पर काम का दबाव बहुत ज्यादा है। साथ ही सरकारी कार्यालयों की कार्यशैली पर भी गलत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को सभी विभागों में खाली पड़े पदों पर तुरंत स्थाई भर्ती करनी चाहिए। प्रदेश में पिछले 11 साल से शिक्षक भर्ती नहीं हुई है, जो अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास हो चुके हैं, अपने डॉक्यूमेंट सत्यापित करवा चुके हैं उन्हें भी पिछले 3 साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार है। चाहे पुलिस, नर्सिंग या पैरामेडिकल स्टॉफ की समस्याएं हो, किसी भी विभाग में भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल रही है। इसे ध्यान में रखते हुए मांग उठा रहे हैं, पर कोई हल नहीं निकल रहा है।

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