भोपाल में 3% काम ने रोकी पानी की सप्लाई:मैनिट, कोटरा और पुराने शहर में कोलार लाइन की कनेक्टिविटी नहीं, बैरसिया में भी काम अधूरा; अब रात में भी करेंगे काम

भोपाल शहर के आधे हिस्से को पानी पिलाने के लिए बिछाई जा रही नई कोलार ग्रेविटी (20 किमी) और फीडर पाइप लाइन (60 किमी) का लगभग 3% काम बचा है, जो महीनों से अधूरा है। मैनिट, कोटरा सुल्तानाबाद, पॉलीटेक्निक क्षेत्र, बैरसिया समेत पुराने शहर के अनेक इलाकों में लाइन की कनेक्टिविटी भी नहीं हो पाई है। इस कारण अब रात में भी काम करने का प्लान बनाया गया है। ताकि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक नई लाइन से बिना किसी बाधा के पानी पहुंचाया जा सके। अमृत योजना के तहत 136 करोड़ रुपये खर्च कर नई ग्रेविटी लाइन एवं फीडर लाइनों को साल 2017 से बदला जा रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है। निगम कमिश्नर कई बार निर्माण एजेंसी को नोटिस देने के साथ लाखों रुपये की पैनाल्टी भी लगा चुके हैं। बावजूद काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। कमिश्नर बोले- रात में भी काम करें कोलार लाइन बिछाने में हो रही देरी को लेकर शनिवार को निगम कमिश्नर कोलसानी शनिवार को निरीक्षण पर निकले। उन्होंने पुराने शहर के भारत टॉकीज से ग्रांड होटल चौराहे पर कनेक्टिविटी का काम रात में भी करने को कहा। ऐशबाग रोड, भारत टॉकीज, अल्पना तिराहा, सिंधी कॉलोनी, बैरसिया रोड, कोटरा सुल्तानाबाद, मैनिट और पॉलीटेक्निक क्षेत्र में लाइन बिछाने और कनेक्टिविटी के अधूरे काम को भी जल्द पूरा करने को कहा। इसलिए बदली जा रही लाइन वर्तमान में पुरानी लाइन से ही जलप्रदाय हो रहा है, लेकिन लाइन लगभग 40 साल पुरानी है। इस कारण कई बार लाइन फूट जाती है। कभी शहरी क्षेत्र में तो कभी कोलार के जंगल में। कई बार तो लीकेज ढूंढने में ही नगर निगम के अधिकारियों को पसीना आ जाता है। इससे सप्लाई पर भी असर पड़ता है। इसलिए नई लाइन बिछाई जा रही है, पर काम काफी लेट हो गया है। इस लाइन से आधे शहर में बेहतर तरीके से पानी सप्लाई होगा।

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