राजगढ़ में वायरल का कहर:जिला अस्पताल में 7 दिन में ही 422 बच्चे OPD में आए, झटके आने से बेहोश होकर गिरकर घायल हुए, कोमा में गए 3 बच्चे

मध्य प्रदेश में कोरोना के बाद अब वायरल ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। राजगढ़ में तो अचानक वायरल के साथ अब निमोनिया और टाइफाइड के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार पिछले एक सप्ताह में ही ओपीडी में 422 बच्चे वायरल, निमोनिया और बुखार आए। जिनमें अचानक चक्कर आकर गिरने के बाद 3 बच्चे गंभीर हो गए, जिन्हें रैफर करना पड़ा। रिकार्ड को खंगालें तो तीन बच्चों को कोमा में जाने के बाद रैफर किया गया। जिला अस्पताल में पदस्थ शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस माथुर ने बताया कि सर्दी, बुखार, निमोनिया के मामलों में 7 दिनों में तीन से चार गुना की बढ़ोतरी हुई है। इनमें बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है। आईपीडी सहित ओपीडी में ज्यादातर बच्चे तेज बुखार के आए हैं। अवेयरनेस नहीं होने से तेज बुखार बच्चों के दिमाग में चढ़ जाता है और बच्चे झटके खाकर कोमा में जा रहे हैं। ऐसे हमारे पास तीन से चार बच्चे आए, जो झटके खाकर कोमा में चले गए। वर्तमान में हमारे पास पीआईसीयू नहीं है, बच्चों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है, ऐसे में बच्चों को हमने रैफर किया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल डेढ़ साल के रोहित, 10 महीने के अमन और 13 महीने के प्रवीण को बेहोशी की हालत में रैफर किया गया है। तीन बच्चों को तो कोमा में जाने के बाद रैफर करना पड़ा। अनक्वालिफाइड डॉक्टरों की वजह से बढ़ रही बच्चों में बीमारी डॉ. माथुर का कहना है कि सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित मासूम बच्चों के परिजन ग्रामीण क्षेत्रों के अनक्वालिफाइड डॉक्टरों से इलाज कराने के चक्कर में अस्पताल आने में देरी कर देते हैं। ऐसे में बच्चे सीवियर निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ का शिकार हो रहे हैं। अभी बेहोश हुए बच्चों में ऑक्सीजन लेवल 70 से 80फीसदी तक पाया गया, उन्हें तत्काल ऑक्सीजन लगाई गई। उन्होंने बताया कि गुरुवार को जिला अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में 64 बच्चे आए है। 12 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया। हर दिन 10 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। 7 दिनों की बात करें तो ओपीडी में 422 बच्चे बुखार, सर्दी से पीड़ित आए। उन्होंने बताया कि 7 दिन पहले रोजाना करीब 50 बच्चे आ रहे थे।

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