भोपाल में डेंगू का डक:राजधानी में 85 डेंगू मरीजों में 40 से ज्यादा युवा; साकेत, बागसेवनिया, कमला नगर, छोला, शाहजहांनाबाद में मिले मरीज

कोरोना की तीसरी लहर के खतरे की आशंका के बीच अब प्रदेश में डेंगू के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी में जनवरी से अगस्त 2021 तक 7 महीने में 85 डेंगू के मरीज मिले है। इसमें करीब 35 से 40 मरीज युवा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए जागरूकता के लिए कैंप लगाने और डेंगू मिलने वाले इलाकों में लार्वा की पड़ताल के लिए स्क्रीनिंग का काम करने की बात कर रहे है। भोपाल में 7 महीने में करीब 1 हजार लोगों की जांच की गई। इसमें करीब 85 डेंगू के मरीज मिले है। जबकि पिछले साल वर्ष 2020 में 770 जांच की गई थी। इसमें 56 ही डेंगू के मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भोपाल में साकेत, बागसेवनिया, कमला नगर, शाहजहांनाबाद, छोला इलाको में 4 से 6 डेंगू के मामले मिले है। हालांकि उनका दावा है कि अभी डेंगू कंट्रोल है। खास बात यह है कि डेंगू के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित 18 से 30 वर्ष आयु के युवा है। यह है कारण दरअसल साकेत नगर में बड़े बड़े घर है। यहां पर बड़ी संख्या में युवा किराए से रहते है। यहां पर टंकियों में पानी को स्टोर किया जाता है। इन टंकियों को सप्ताह में एक बार भी साफ नहीं किया जाता है। इससे पानी में लार्वा को पनपने का मौका मिल जाता है। वहीं, युवा शरीर को पूरे ढकने वाले कपड़े नहीं पहनते है। उनके हाफ टीशर्ट और बरमूडा शार्टस पहनते है। इससे मच्छर के शिकार आसानी से बन जाते है। वहीं, कोलर के दामखेड़ा में डेंगू के मामले में मिले है। यहां पर पानी की सप्लाई नियमित नहीं होती है। इस वजह से लोग घरों में पानी को स्टोर करके रखते है। जिसमें लार्वा पनपने के मामले मिले है। शाहजहांनाबाद और छोला इलाके में लोगों ने छत की सीढ़ियों के नीचे टंकियां बना रखी है। जिनको साफ करना आसान नहीं होता। इन टंकियों में लार्वा को पनपने का मौका मिल जाता है। इसके अलावा वार्ड 55, 56,57,58 के इलाको में भी डेंगू के मरीज मिले है। यहां पर कई खाली प्लांट में पानी जमा होने से लार्वा के पनमने के मामले सामने आए है। साथ ही कई घरों पर कबाड़ में बरसात का पानी एकत्रित होना भी कारण बताया जा रहा है। बुखार आने पर कराएं जांच डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी को ठंड लगकर बुखार आ रहा है। मासपेशियों और आंखों के पीछे दर्द हो रहा है तो उन्हें 24 घंटे में डेंगू की जांच कराना चाहिए। भोपाल में जय प्रकाश अस्पताल, हमीदिया, BHMRC, AIIMS और बैरागढ़ सिविल अस्पताल में मुफ्त जांच की सुविधा है। इन बातों का रखे ख्याल अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को आसानी से दूर रख सकते हैं। किसी जगह रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें। गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। सोते वक्त मच्छरदानी लगाएं। मच्छरों के काटने से बचने के लिए शरीर को पूरे ढक कर रखने वाले कपड़े पहने। भोपाल जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.अखिलेश दुबे ने कहा कि लोग सावधानी रखकर अपने आप को डेंगू से बचा सकते है। भोपाल में अभी डेंगू कंट्रोल में है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए कैंप लगाए जा रहे है। साथ ही डेंगू के मामले सामने आने वाले एरिया में स्क्रीनिंग की जाती है। डेंगू के लार्वा को खत्म करने के लिए घर-घर सर्वे भी किया जाता है।

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