बैतूल में नदी पार करके स्कूल जाते हैं बच्चे, लौटते समय बाढ़ आई तो कपड़े उतारकर दूसरी ओर पहुंचे

बैतूल में एक बरसाती नदी का अचानक जलस्तर बढ़ने से हादसा होने से टल गया। शुक्रवार शाम जब बच्चे स्कूल की छुट्‌टी होने के बाद अपने घर जाने के लिए नदी पार करने पहुंचे तभी अचानक उसमें पानी बढ़ गया। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को नदी पार कराई। बच्चों ने कपड़े उतारकर और बैग हाथ में लेकर नदी पार की। इसका वीडियो सामने आया है। जिले के भीमपुर ब्लॉक के उत्ती - गोरखी ढाना गांव के बीच पहाड़ से निकली एक बरसाती नदी बहती है। गोरखी ढाना गांव के बच्चे इसी नदी को पार करके शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में पढ़ने जाते हैं। शुक्रवार सुबह जब बच्चे स्कूल गए थे, तब नदी में पानी कम था, लेकिन दोपहर में पहाड़ पर बारिश होने से नदी का जलस्तर शाम को अचानक बढ़ गया। इसी समय नौवीं-दसवीं कक्षा के करीब 8-9 छात्र घर जाने के लिए निकले। वह कपड़े उतारकर बैग हाथ में लेकर नदी पार करने लगे, लेकिन अचानक उन्हें लगा कि वे फंस गए। खतरे को भांपकर आसपास के ग्रामीण तुरंत नदी में उतरे और सभी को हाथ पकड़कर उन्हें नदी पार कराई। पहाड़ी क्षेत्र में बारिश की वजह से बढ़ा जलस्तर आमतौर पर इस नदी में पानी कम ही रहती है। बारिश के दिनों में इसमें पानी बढ़ जाता है। चूंकि, यह नदी पहाड़ी क्षेत्र में है, इसलिए पहाड़ों पर बारिश होने के कारण इसका जलस्तर अक्सर बढ़ जाता है। खास बात यह है कि जिस गति से पानी बढ़ता है, बारिश रुकने पर वैसे ही पानी कम भी हो जाता है। नदी पर न रपटा बनाया गया, न ही पुल रोज सैकड़ों लोग अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इस नदी को पार करके जाते हैं। वहीं, बच्चे भी इसे पार करके स्कूल जाते हैं। यात्रा सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए गांव वालों ने कई बार इस पर पुल या रपटा बनाने की मांग की। अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक सबके पास जाकर गुहार लगाई, लेकिन हालत जस के तस हैं।

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