शरीर की थकान को मिटाने के लिए पैरों और हाथों का योग जरूर करें

खान-पान का ध्यान रखने और उसके साथ नियमित योगाभ्यास करने से शरीर स्वस्थ रहता है. कोरोना काल में अच्छी सेहत और मजबूत इम्यूनिटी (Immunity) बहुत जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि आप सही मात्रा में सही पोषण लें और कुछ सूक्ष्म अभ्यासों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें. कई लोग वजन बढ़ने और तेजी से वजन घटने से बहुत अधिक परेशान रहते हैं. ऐसे में वजन पर कंट्रोल रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है. योग करने से वजन को नियंत्रण में रखना आसान होता है. योग प्रशिक्षिका सविता यादव ने लाइव योग सेशन में छोटे-छोटे व्यायाम के जरिए खुद को दुरुस्त करना सिखाया. प्राणायाम और योग करने के लिए पैरों का मजबूत होना बहुत ही जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन योगाभ्यासों की मदद से आप पैरों को मजबूत बना सकते हैं. पैरों को करें मजबूत सबसे पहले योग मैट पर बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने की ओर फैला कर सीधा कर लें. अपनी कमर को सीधी रखें. इसके बाद अपने हाथों को अपनी जांघों पर रख लें. अब अपने पैरों के पंजे और पैर की उंगलियों को पहले श्वास लेते हुए शरीर की तरफ मोड़ें, फिर सांस छोड़ते हुए इन्हें दूसरी ओर झुकाएं. दरअसल, जिन लोगों को चलने की वजह से पैरों, एड़ियों और पंजों में दर्द की शिकायत रहती है, उन्हें ये अभ्यास करने से बहुत आराम मिलता है. अगर आप ज्यादा देर सीधे नहीं बैठ पाते तो इस अभ्यास को करते समय पीछे की ओर जमीन पर हाथ टिका सकते हैं. कुछ देर ऐसा करने के बाद आप पैरों को अपनी जगह पर रखे हुए ही क्लॉक वाइज घुमाएं. इसके बाद अपने पैरों को रिलेक्स छोड़ दें. अब अपने छुटनों को अपने पैरों के पास लेकर आएं और हाथों की मदद से उन्हें अपनी जाघों को और पेट को सटाएं. इसके बाद वापस अपने पैरों को फैला लें. फिर वापस पैरों को ऊपरी शरीर के पास लेकर आएं. इस अभ्यास को दोहराएं. पैरों को दूर ले जाते समय सांस लें और पास लाते हुए सांस छोड़ें. ऐसा करने से भी आपके पैर मजबूत होते हैं. बटरफ्लाई आसन बटरफ्लाई आसन को तितली आसन भी कहते हैं. महिलाओं के लिए ये आसन विशेष रूप से लाभकारी है. बटरफ्लाई आसन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को श्रोणि की ओर लाएं. दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें. सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख सकते हैं. एड़ी को जननांगों के जितना करीब हो सके लाने का प्रयास करें. लंबी,गहरी सांस लें, सांस छोड़ते हुए घटनों एवं जांघो को जमीन की तरफ दबाव डालें. तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें. धीरे धीरे तेज करें. सांसें लें और सांसे छोड़ें. शुरुआत में इसे जितना हो सके उतना ही करें. धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं. इसके बाद आपको अपने हाथों की उंगलियों को अपने कंधों पर लगाना है और इसी मुद्रा में हाथों को घुमाना है. हाथों को शोल्डर्स से जोड़े रखते हुए दोनों कोहनियों को मिलाएं फिर दूर कर दें. इसी तरह श्वास लेते और छोड़ते हुए अभ्यास करें. इसे थोड़ी देर करने के बाद अब अपने हाथों को फैला लें. हाथों को अपनी-अपनी दिशा में अच्छे से स्ट्रेच करते हुए अपनी कलाइयों को ऊपर और नीचे की तरफ मोड़ें. अपनी कलाई को मोड़ते हुए अपनी उंगलियों वाले भाग को ऊपर ले जाते समय सांस लें और नीचे लाते समय सांस छोड़ें. इसे भी आप कम से कम 8-10 बार करें. इसके बाद हाथों को इसी मुद्रा में रखते हुए कलाई को ऊपर-नीचे करने की जगह दाएं और बाएं चलाएं. इसके बाद अपने हाथों को सीधा रखते हुए आगे की ओर लाएं और फिर अपनी क्षमता के अनुसार बाहें फैलाते हुए पीछे ले जाएं. इस दौरान भी सांस ठीक से लेने और छोड़ने पर ध्यान दें. अब अपने हाथों को सांस छोड़ते हुए हुए नीचे लाएं और फिर सांस लेते हुए ऊपर की ओर हाथों को ले जाएं.

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