अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा

आखिरकार तालिबान ने पंजशीर के गवर्नर हाउस में अपना झंडा भी लहरा दिया। अब पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान ने झंडा फहराते हुए वीडियो भी जारी किया। तालिबान के इस दावे को रेजिस्टेंस फोर्स ने गलत बताया है और कहा है कि पंजशीर घाटी में जंग जारी रहेगी। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध का आखिरी किला भी फतह कर लिया गया है। आखिरकार देश जंग के भंवर से बाहर आ गया है। अल्लाह की अता से और देश के लोगों के समर्थन से देश को सुरक्षित करने की हमारी कोशिशें रंग लाई हैं। अफगानी मीडिया की खबरों के मुताबिक यह हमले पाकिस्तानी पायलट्स ने किए थे। पंजशीर में रजिस्टेंस के प्रमुख नेता और देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह जिस घर में ठहरे थे, रविवार को उस पर हेलिकॉप्टर से हमला हुआ। इसके बाद सालेह ताजिकिस्तान चले गए। अहमद मसूद के पंजशीर में ही सुरक्षित ठिकाने पर होने की खबरें थीं। तालिबान ने रविवार को दावा किया था कि पंजशीर को जल्द ही मसूद परिवार से आजाद घोषित कर दिया जाएगा और घाटी में भी तालिबानी प्रशासक होगा। और ऐसा ही हुआ। पंजशीर में रविवार को रेजिस्टेंस फोर्स के कमजोर पड़ने की खबर सामने आने लगी थीं। अहमद मसूद ने तालिबान के सामने जंग खत्म करने का प्रस्ताव रखा था। इससे पहले उन्होंने पंजशीर और अंदराब में तालिबानी हमले रोकने की शर्त रखी थी। तालिबान यहां काफी मजबूत स्थिति में था। तालिबानी लड़ाके किसी भी तरह पंजशीर पर कब्जा चाहते थे। लड़ाई मसूद ने शुरू की थी, इसलिए तालिबानी लड़ाकों में गुस्सा था। इस गुस्से और ताकत के दम पर तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर पर कब्जा कर लिया। अमेरिकी सेना को पंजशीर रेजिस्टेंस की मदद करनी चाहिए BBC को दिए एक इंटरव्यू में ग्राहम ने कहा कि अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान से बुलाना गलती थी, लेकिन यह भी सच है कि निकट भविष्य में अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान भेजा जाएगा। अमेरिका ने इराक और सीरिया से फौज हटाने के बाद वहां दोबारा फौजें भेजी थीं। आज भी इराक में 5000 अमेरिकी सैनिक क्यों हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है अफगानिस्तान में पंजशीर रेजिस्टेंस की मदद की जाए।

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