लुधियाना में खोला गया मां के दूध का पहला बैंक:प्रदेश के सबसे बड़े मदर चाइल्ड अस्पताल में; सुरक्षित रखने के लिए किए गए हैं विशेष प्रबंध, एक नहीं कई फायदे होंगे

नवजात को मां का पहला पीला गाड़ा दूध पिलाकर गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके, इसके लिए सिविल अस्पताल में प्रदेश का पहला ब्रेस्ट मिल्क बैंक बनाया गया है। इससे मां का दूध लेकर बच्चे को पिलाया जाएगा, जिससे मां और बच्चे दोनों को भरपूर फायदा होने वाला है। क्योंकि मां का दूध शिशु के लिए वरदान होता है और पहला पीला गाड़ा दूध नवजात को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। लेकिन कई बार शारीरिक समस्याओं के कारण महिला को नवजात को स्तनपान करवाने में मुश्किल होती है। ऐसे में ब्रेस्ट मिल्क पंप काफी फायदेमंद होते हैं। यह बैंक सिविल अस्पताल में स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में स्थापित किया गया है, जिसका उद्घाटन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी और पार्षद ममता आशु ने किया। इस समय उनके साथ एडीसी विकास कुमार पंचाल, सहायक कमिश्नर यूटी डॉ. हरजिंदर सिंह बेदी भी मौजूद रहे। दो तरह के पंप लगाए गए बैंक में दो तरह के ब्रेस्ट मिल्क पंप की व्यवस्था की गई है। एक इलेक्ट्रिकल ब्रेस्ट मिल्क पंप व दूसरा मैन्युअल ब्रेस्ट मिल्क पंप। मैन्युअल ब्रेस्ट मिल्क पंप को स्तन पर लगाकर मां अपने हाथों से पंप करती हैं, जिसके बाद दबाव की वजह से पंप से बोतल में दूध आने लगता है। इसी तरह इलेक्ट्रिकल ब्रेस्ट मिल्क पंप भी काम करता है। प्रदेश का सबसे बड़ा मदर चाइल्ड अस्पताल लुधियाना जिला क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा जिला है। जिस कारण यहां का मदर चाइल्ड अस्पताल भी प्रदेश के बड़े अस्पतालों में आता है। यहां पर सबसे ज्यादा डिलिवरी होती हैं, इसलिए यहां पर इस तरह के प्रबंध होना भी बेहद जरूरी है। यही कारण है कि प्रदेश का पहला ब्रेस्ट मिल्क पंप बैंक यहां बनाया गया है। यहां पर रोजाना दर्जन के आसपास डिलिवरी होती हैं। दूध सुरक्षित रहे इसके लिए किए गए हैं विशेष प्रबंध सिविल अस्पताल में फिलहाल दो इलेक्ट्रिकल ब्रेस्ट मिल्क पंप और 10 मैन्युअल पंप रखे गए हैं। इसके अलावा 16 कंटेनर भी मुहैया करवाए गए हैं। मां के दूध को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज भी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रसूताओं को ब्रेस्ट मिल्क पंप की आदत नहीं डालनी चाहिए। डायरेक्ट ब्रेस्ट फीड करना आसान होता है। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार, पंप जितने दिन जरूरत हो, तब तक ही इस्तेमाल करना चाहिए। शिशु अगर सीधे दूध पीएगा तो अच्छा रहेगा। पंप के जरिए बोतल में दूध निकालकर पिलाने के दौरान सफाई का ध्यान न रखने पर इंफेक्शन का खतरा भी हो सकता है। क्यों जरूरी है बच्चे के लिए मां का दूध बच्चे के जन्म के शुरुआती 6 महीनों तक ब्रेस्ट फीडिंग बहुत ज़रूरी है। ब्रेस्ट फीडिंग बच्चे को शुरुआती संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित करती है। ये सिर्फ बच्चे के लिए नहीं, बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद है। इसका फायदा बच्चे को लंबे समय तक मिलता है। बाजार में बिकने वाले मिल्क में वो एंटी-बायोटिक्स नहीं होते हैं, जो मां के दूध में होते हैं। यही कारण है कि डॉक्टर कहते हैं कि बच्चे को मां का दूध ही पिलाना जरूरी है। मगर कुछ समस्याओं के कारण यह नहीं हो पाता है, इसलिए यह बैंक बनाया गया है।

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