भोपाल में झमाझम:बीते चौबीस घंटों में सबसे ज्यादा पानी नवीबाग और सबसे कम कोलार में गिरा; रुक-रुककर रिमझिम जारी रहेगी, रात का परा डेढ़ डिग्री गिरा

राजधानी भोपाल में बीते एक सप्ताह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। शुक्रवार रात से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला शनिवार को भी जारी है। सुबह रिमझिम के बाद दोपहर में तेज बारिश शुरू हो गई। बीते चौबीस घंटों के दौरान भोपाल में करीब एक इंच पानी गिर गया। इसमें सबसे ज्यादा नवीबाग में करीब दो इंच बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि बैरसिया और बैरागढ़ में 1-1 इंच से ज्यादा, तो शहर में करीब 20 मिमी और कोलार में महज 10 मिमी ही पानी गिरा। इसी कारण भोपाल में रात का पारा करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस गिर कर सामान्य पर आ गया। रिमझिम के बीच तेज बारिश भोपाल में बीते एक सप्ताह से रुक-रुककर तेज बारिश हो रही है। सुबह से फुहारों के साथ दोपहर में झमाझम पानी गिरने लगा। शनिवार को भी शहर के अलग-अलग हिस्सों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। कहीं धूप निकली तो कहीं सिर्फ फुहारें पड़ी। दोपहर बाद एमपी नगर में तेज बारिश शुरू हो गई। सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी भोपाल में अब तक सामान्य से करीब 4% बारिश ज्यादा हो चुकी है। सीजन की बात की जाए तो 1 जून से अब तक 37 इंच पानी गिरना चाहिए, जबकि 39 इंच तक पानी गिर चुका है। हालांकि 5 दिन पहले तक यह सामान्य से कम थी, लेकिन बीते दिनों की बारिश ने हालात पहले से बेहतर कर दिए हैं। भोपाल में रात का पारा 22 के नीचे आया भोपाल में रिमझिम के कारण अब रात का पारा नीचे आ गया है। शुक्रवार-शनिवार की रात तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक तक आ गया, जबकि एक दिन पहले न्यूनतम 23.4 डिग्री था। चौबीस घंटे में डेढ़ डिग्री नीचे आ गया। जबकि दो दिन पहले 14-15 सितंबर की रात यह 24.2 डिग्री सेल्सियस था। यह सामान्य से 2 डिग्री अधिक था। यह एक और सिस्टम तैयार हो रहा वर्तमान में एक निम्न दाब क्षेत्र के कमजोर होने के बाद निम्न दाब क्षेत्र पश्चिमोत्तर मध्य प्रदेश/ पूर्वी राजस्थान के ऊपर चक्रवातीय एक्टिविटी हैं। पश्चिम-मध्य अरब सागर और दक्षिणी बांग्लादेश के ऊपर चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय है। मॉनसून ट्रफ बीकानेर और निम्न दाब क्षेत्र से होते हुए सतना, डाल्टनगंज, जमशेदपुर और दीघा से लेकर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक फैला है। वहीं तेलंगाना से लेकर रायलसीमा और दक्षिणी तमिलनाडु से तक अन्य ट्रफ लाइन गुजर रही है। वहीं पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय है, जिसके रात तक ओडिशा की ओर विस्थापित होने की संभावना बनी हुई है।

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