राणा गुरजीत को मंत्री बनाने का विरोध:पंजाब के नए मंत्रियों के शपथग्रहण से पहले पेंच; खींचतान देख देर रात तक कांग्रेस हाईकमान से बात करते रहे CM चन्नी

पंजाब के नए मंत्री आज शपथ लेंगे। रविवार शाम 4.30 बजे चंडीगढ़ में शपथग्रहण समारोह रखा गया है। हालांकि, इससे पहले ही नया पेंच फंस गया है। नए मंत्रिमंडल में शामिल राणा गुरजीत के नाम का विरोध हो गया है। पंजाब के दोआबा क्षेत्र के विधायकों ने इसका विरोध किया है। राणा गुरजीत कैप्टन सरकार की कैबिनेट में थे। तब उनकी रेत खनन में भूमिका के आरोप लगे थे। फिर राहुल गांधी की मंजूरी के बाद कैप्टन ने राणा का इस्तीफा लिया था। नई स्थिति को लेकर CM चरणजीत चन्नी की शनिवार देर रात तक कांग्रेस हाईकमान से बात होती रही। चन्नी मंत्रिमंडल के नए चेहरों की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। फिर भी जो लिस्ट बाहर आई, उसके बाद कांग्रेस के अंदर ही खींचतान शुरू हाे गई है। राणा की जगह काका रणदीप सिंह नाभा का नाम सामने आ रहा है। अभी तक चन्नी मंत्रिमंडल का जो स्वरूप सामने आया है, उसमें 6 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार मंत्री बनेंगे। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के साथ ही नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन भी किया गया है। मंत्रियों की लिस्ट फाइनल हो चुकी है। अंतिम सूची में जिन नामों पर मुहर लगी, उनमें 8 कैप्टन सरकार के समय कैबिनेट में थे, जिनकी अब वापसी हो गई है। हालांकि, कैप्टन के करीबी 6 की छुट्‌टी कर दी गई है। लंबे मंथन के बाद शनिवार को नए CM चरणजीत सिंह चन्नी ने गवर्नर बीएल पुरोहित से मुलाकात की थी और उन्हें आज का समय मिला था। इन मंत्रियों की वापसी पंजाब मंत्रिमंडल में मनप्रीत बादल, विजयइंद्र सिंगला, रजिया सुल्ताना, ब्रह्म मोहिंदरा, अरुणा चौधरी, भारत भूषण आशु, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया की वापसी हो रही है। नए मंत्रियों में यह शामिल मंत्री पद पाने वालों में राजकुमार वेरका, परगट सिंह, संगत गिलजियां, गुरकीरत कोटली, कुलजीत नागरा, राणा गुरजीत और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग शामिल हैं। इन 5 मंत्रियों की छुट्‌टी कैप्टन की कैबिनेट से साधु सिंह धर्मसोत, बलवीर सिद्धू, राणा गुरमीत सोढ़ी, गुरप्रीत कांगड़ और सुंदर शाम अरोड़ा को नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। राणा गुरजीत की वापसी को लेकर कांग्रेस पर सवाल चन्नी कैबिनेट में सबसे चौंकाने वाला नाम कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत का है। राणा 2017 में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में शामिल थे। करीब 10 महीने बाद उन्हें हटना पड़ा। उन पर रेत खनन में भूमिका के आरोप थे। उस वक्त कैप्टन ने उनका बचाव किया था। विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही थी। राहुल से मिलने के बाद ही कैप्टन को उनका इस्तीफा मंजूर करना पड़ा। अब राहुल गांधी की अगुवाई में चले मंथन में राणा की वापसी को लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के विपक्षी दल नेता हरपाल चीमा ने भी राणा गुरजीत को लेकर कांग्रेस को घेरा है। उन्होंने कहा कि जिस नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप थे, उसे कैबिनेट मंत्री बनाकर कांग्रेस क्या संदेश देना चाहती है। अब सिद्धू और चन्नी पर मुद्दे हल करने का दबाव बगावत के बाद एंटी कैप्टन खेमा अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने में कामयाब रहा। राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री पद तक नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत चन्नी के साथ मंथन किया। अब इन्हें नई टीम दे दी गई है। अब दोनों पर ही आगे मुद्दे हल करने का दबाव रहेगा। अब पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में करीब 3 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में कांग्रेस का CM व मंत्री बदलना सियासी दांव रह जाएगा या फिर पंजाब का भला होगा, यह इन दोनों की परफॉर्मेंस पर निर्भर करेगा।

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