आज से शारदीय नवरात्रि 2021:हिमाचल के चारों शक्तिपीठों में डेढ़ साल बाद लगे मेले; दर्शन के लिए सिर्फ 1 मिनट मिलेगा, बुजुर्गों- महिलाओं और बच्चों को नो एंट्री

आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। हिमाचल के शक्तिपीठों में डेढ़ साल बाद शारदीय नवरात्रि पर मेले आयोजित हो रहे हैं। 7 से 15 अक्टूबर तक चलने वाले शारदीय नवरात्रि मेलों में आने के लिए सरकार की ओर से कोरोना गाइडलाइन और एसओपी जारी की गई है। शक्तिपीठों के खुलने और बंद होने के समय भी अलग-अलग होता है। वहीं मां के दर्शन करने के लिए सिर्फ एक मिनट का समय मिलेगा। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को मंदिर में एंट्री नहीं मिलेगी। इसलिए भक्तों को मंदिरों में आने से पहले यह जान लेना चाहिए कि किस तरह से उन्हें माता के दर्शन हो सकेंगे और कितने बजे मंदिरों के कपाट खुलेंगे। शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी में पांचों आरतियां एक साथ होंगी उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दिनभर खुला रहेगा। रात्रि 12:00 बजे से 2:00 बजे तक मंदिर बंद रहेगा। ऐसे में श्रद्धालु 22 घंटे माता के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के पुजारी तरुणेश शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसलिए 5 आरतियां एक साथ ही होंगी, जिसमें सायंकालीन आरती, शयन आरती, मंगल आरती, श्रृंगार आरती और मध्यकालीन आरती होंगी। दोपहर को केवल 12:00 से 12:30 तक मंदिर बंद रहेगा, क्योंकि इस समय माता को राजसी भोग लगाया जाएगा। इसमें चावल और कई तरह के पकवान व दालें शामिल होंगी। सायंकालीन आरती में मां नैना देवी को चने और पूरी का भोग लगेगा। शयन आरती में दूध, फल और बर्फी का भोग, मंगल आरती में सूखे मेवे, श्रृंगार आरती में हलवा-बर्फी, जबकि मध्यकालीन आरती में राजसी भोग लगेगा। ज्वाला जी रात 9 बजे चौथी आरती में भोग लगेगा ज्वाला जी मंदिर सुबह 5:00 बजे ही श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। यहां भी 5 तरह की आरतियां होंगी। मंदिर के पुजारी प्रशांत शर्मा ने बताया कि पहली आरती सुबह 4:00 से 5:00, दूसरी आरती 11:45 से 12:30 तक, तीसरी आरती 7:00 से 8:00 तक, चौथी आरती, जिसमें भोग लगता है रात्रि 9:00 से 9:30 तक और शयन आरती 9:30 से 10:00 बजे तक होगी। ऐसे में श्रद्धालु इन समय के अनुसार मंदिरों में पहुंचकर माथा टेक सकेंगे। चिंतापूर्णी मंदिर में ज्यादा समय रुक नहीं पाएंगे श्रद्धालु ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 23 घंटे खुले रहेंगे। रात को 11:00 से 12:00 बजे तक ही कपाट बंद होंगे। इस दौरान आरती होगी। चिंतपूर्णी मंदिर में तीन समय की आरती होती है। एक सुबह 5:00 बजे, दूसरी दोपहर 12:00 बजे और तीसरी शाम को 7:00 बजे होती है। यहां पर भी श्रद्धालु ज्यादा समय तक मंदिर में नहीं रुक पाएंगे। माथा टेकने के बाद सीधे बाहर निकल जाएंगे। प्रसाद और चुनरी चढ़ाने पर पाबंदी रहेगी। बृजेश्वरी मंदिर में पिंडी स्नान के बाद मां का श्रृंगार होगा कांगड़ा स्थित बृजेश्वरी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सुबह 5:00 बजे खुल जाएंगे, जो रात 9:00 बजे तक खुले रहेंगे। तीन प्रकार की आरतियां यहां पर होंगी। सबसे पहली मंगल आरती होती है, जब माता की शैया उठाई जाती है। उसके बाद मुख्य आरती सुबह 6:15 से 6:30 बजे तक, दूसरी आरती शाम 7:15 से 7:30 तक होगी, जबकि माता को दोपहर का भी भोग लगाया जाता है, जो 12:00 से 12:30 के बीच होता है। इस समय भी मंदिर बंद रहता है। मंदिर के पुजारी तरुण शर्मा ने बताया कि श्रृंगार आरती में माता को ड्राई फ्रूट का भोग लगेगा। पिंडी का स्नान करवाया जाएगा, श्रृंगार किया जाता है, ताकि भक्त मां के दर्शन कर सकें।

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