भोपाल गैस त्रासदी की 37वीं बरसी:पीड़ितों के बीच काम करने वाले संगठनों ने 37 साल पर 37 सवाल मुहिम शुरू की; सरकार से रोज पूछेंगे पीड़ितों इंसाफ के लिए प्रश्न

दिसंबर 1984 के यूनियन कार्बाइड गैस काण्ड के पीड़ितों के बीच काम कर रहे चार संगठनों ने मंगलवार को गैस पीड़ितों के इंसाफ और इज्जत की जिंदगी की जीने के लिए 37 दिन का अभियान शुरू किया। गैस कांड की 37 वीं बरसी पर भोपाल हादसा - 37 साल पर 37 सवाल की मुहिम के जरिए संगठन गैस पीड़ितों को मुआवज़ा, दोषियों को सजा, इलाज, रोजगार और समाजिक पुनर्वास तथा प्रदूषित जमीन के जहर सफाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान सरकार का ध्यान खीचेंगे। भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि हम डीआईजी बंगले चौकसे नगर बैरसिया रोड पर सुबह 11 बजे से 5 बजे तक 37 दिन तक बैठेंगे। और सरकार से रोज एक सवाल पूछेंगे। भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष राशिदा बी ने कहा कि “ 26 अक्टूबर से 37 दिनों तक 37 सालों के लम्बे अरसे से चले आ रहे हादसे के बारे में भोपाल गैस पीड़ित रोज एक सवाल पूछेंगे | 2010 में केन्द्र और राज्य सरकारों ने माना कि अमरीकी कंपनियों को अतिरिक्त मुआवजा देना होगा पर दोनों सरकारों ने ही मुआवजा बढ़ाने की लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर सुधार याचिका की जल्द सुनवाई के लिए आज तक एक भी याचिका नहीं लगाई है | हम यह जानना चाहते है कि केंद्र और मध्य प्रदेश की सरकारें पिछले 11 सालो में इस याचिका की सुनवाई क्यों नहीं करा पाई हैं.” “पिछले सात सालों में भारत में डाव केमिकल अमरीका के कारोबार में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इन सात सालों में भोपाल ज़िला न्यायालय द्वारा कम्पनी को आपराधिक मामले में भेजे जा रहे सम्मनों को कम्पनी लगातार नज़रअन्दाज़ करती आई है” कहती है भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहज़ादी बी। तो आज का हमारा सवाल है कि “इस देश के कानून की अवहेलना करने वाली कम्पनी को भारत सरकार इस देश में व्यापार क्यों करने दे रही है ।“ भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन की रचना ढींगरा ने गैस पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास मुहैया कराने में केन्द्र और राज्य सरकारों की क्षमता और ईमानदारी पर भी सवाल उठाया, 37 साल के बाद भी गैस पीड़ितों को सिर्फ लाक्षणिक इलाज ही दिया जा रहा है जो ज्यादा से ज्यादा अस्थाई आराम ही दे पाया है | तो हम ऐसे ही साधारण सवाल पूछेंगे कि “आज तक गैस पीड़ितों के इलाज का सही तरीका क्यों नहीं बनाया गया है “ “हम यूनियन कार्बाइड कारखाने के अंदर और उसके आस पास फ़ैल रहे मिट्टी और भूजल प्रदूषण और जहरीले रसायनों की सफाई पर भी सवाल उठाएंगे।“ कहती है डाव - कार्बाइड के खिलाफ बच्चों की नौशीन खान |”भारत और अमरीका दोनों देशों के कानून डाव केमिकल से प्रदूषित जमीन के लिए मुआवजा लेने का हकदार बनाता है पर इसके बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने आज तक इस कम्पनी के खिलाफ कोई दावा क्यों नहीं लगाया है ।“

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