भोपाल में राजस्थान के CM का पुतला जलाया:जयपुर में रीट परीक्षा कक्ष में प्रवेश के पहले ब्राह्मण छात्र का जनेऊ उतरवाने का मामला तूल पकड़ा; इसे ब्राह्मणों का अपमान बताया

राजस्थान के जयपुर में रीट परीक्षा के दौरान परीक्षा हाल में प्रवेश के ब्राह्मण छात्र के जनेऊ उतरवाने पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मध्य प्रदेश ने नाराजगी जताई। ब्राह्मण विद्यार्थी के जनेऊ को उतरवाना देश के ब्राह्मणों का अपमान बताया गया है। मीडिया प्रभारी युवा मोर्चा अखिल भारतीय ब्राह्मण पंडित आशीष द्विवेदी ने बताया कि हम इस कृत्य की निंदा करते हैं। आज यानी सोमवार शाम 5 बजे भोपाल के बोर्ड ऑफिस पर हम विरोध करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्र ने कहा कि हम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मानव अधिकार आयोग से मांग करते हैं कि दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करें। जिस सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार जिन जिम्मेदारों द्वारा यह कृत्य किया गया है, उन्हें नागरिकों की निजता के अधिकारों के उल्लंघन के तहत सजा दी जाए। ताकि भविष्य में ब्राह्मण समाज के साथ ऐसा कुछ दोबारा न किया जाए। यह है पूरा मामला अशीष ने बताया कि 26 अक्टूबर को रीट की परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थी विकास मिश्र को परीक्षा हाल में जाने से पहले जनेऊ को उतरवा दिया था। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्र के नेतृत्व में राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया। उन्होंने बताया कि विकास एक दोस्त को दूसरे सेंटर पर छोड़ने गए थे, जहां ट्रैफिक में फंस गए थे, जिस वजह से वो थोड़ा लेट हो गए थे। अंदर प्रवेश करते-करते 9:38 हो गए थे। उनका सेंटर केसर इंटरनेशनल स्कूल केसर नगर मानसरोवर में था। स्कूल प्रशासन ने उनके साथ अशोभनीय व्यवहार किया। विकास ने बताया कि जांच के दौरान जांच कर रहे अधिकारी की नजर उनके यज्ञोपवीत पर चली गई। उन्होंने कहा कि आप इस धागे को उतारिए। यज्ञोपवीत को धागा कहकर संबोधित किया। जिस पर विकास ने जवाब दिया कि ये कोई सामान्य धागा नहीं है। यज्ञोपवीत है। उन्होंने कहा कि मृत्यु तक यज्ञोपवीत ब्राह्मण के शरीर पर ही रहता है। यह तभी उतारा जाता है जब नया यज्ञोपवीत धारण कर लेते हैं। यज्ञोपवीत हमारे 16 संस्कारों में से एक है। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इसमें कोई प्रकार का धातु नहीं है आप इसकी जांच कर सकते हैं। आप संतुष्ट हो जाइए उसके बाद में आप मुझे जाने की अनुमति दें। मैं इसको नहीं उतार पाऊंगा। वह नहीं माने। उन्होंने कहा सरकार की तरफ से हमारे पास यही निर्देश हैं। उन्होंने हाथ पर बंधे मौली के धागे समेत इन सभी को काट दिए।

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